5 Essential Elements For Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



डर को दूर करने की प्रक्रिया की शुरुआत उसे पहचानने से होती है।

ये तो प्रकृति का उसूल है की नया आएगा और पुराना जाएगा. तो हर वक़्त मरने के बारे में सोच सोचकर बिलकुल भी परेशान ना हों, मौत एक दिन सबकी होनी ही है.

अपने डर को एक अवसर की तरह देखे ना की किसी खतरे के समान, जब आप अपने डर (एंजायटी) को अपने फायदे के लिए उपयोग करने लगते हैं तो यह कभी भी आपको हानि नहीं पहुंचा पाता है।

जब आप जीवन में आगे बढ़ते हैं, तो ढ़ेर सारी मुश्किलें आपके रास्ते में आती हैं। खुद को नई चुनौतियों के लिए तैयार रखें और उनका सामना करने के लिए हर संभव प्रयास करें। अपने आप को किसी भी मायने में कमज़ोर या भयभीत न समझें। डर का मज़बूती से सामना करें और आगे बढ़ें।

उस समय मुझे लग रहा था कि मैं अपने मानसिक डर का इलाज कैसे करूंगी। लेकिन मैं जानती हूँ कि डर हमें प्रकृति से एक वरदान के रूप में मिलता है और ध्यान ही डर दूर करने का मंत्र है। मैं जैसे जैसे ध्यान करती हूँ मेरा डर उतना कम होता जाता है। डर पर जीत पाने का सबसे अच्छा रास्ता है हमारा विश्वास, हमारी आस्था। यह आस्था कि हमारे साथ जो होगा, वह अच्छा होगा। 

याद रखो, हम दुनिया में आये भी अपनी मर्ज़ी से नहीं थे और खुद की मर्ज़ी से जायेंगे भी नहीं. जब ये सब कुछ हमारे हाथ में है ही नहीं तो इसके बारे में सोच सोचकर क्या डरना?

यहाँ हमारे कहने का मतलब ये नहीं है की आप शेर के सामने जाकर खड़े हो जाइए. हम ये कहना चाहते हैं की जिस तरह की परिस्थितयों से आपको डर लगता है, जहाँ जाने से आपको डर लगता है, जो काम करने से आपको डर लगता है, जिसके सामने जाने से आपको डर लगता है,वहां जाना शुरू कीजिये.

सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मलेन

एक वजह जुडी है भगवान् से और दूसरा कारण है वैज्ञानिक कारण. पहले जानते हैं भगवान् से जुड़ा हुआ कारण.

हममें से बहुतों के लिए नए करियर की शुरुआत करना, नए रिलेशनशिप या कड़ी मेहनत से कमाए पैसे get more info खर्च करने में कुछ मात्रा में एंजायटी होती है। जहां हमें सोने में दिक्कतें आने लगती है, मन एकाग्र चित्त नहीं हो पाता है, बार-बार एक ही चीज हमारे मस्तिष्क में घूम रहा होता है इन सभी के होने का एक ही कारण है – “हमारे विचार”

हर व्यक्ति के जीवन में कुछ न कुछ समस्याएं जरूर रहती हैं। इन समस्याओं का निदान छोटे-छोटे ज्योतिषीय उपाय करने से हो सकता है। जरूरत है तो बस उन पर पूरी तरह विश्वास करने की।

आप उसके साथ जाने से पहले ही ये सोच सोचकर डरते रहते हैं की कहीं वो मुझे गिरा ना दे और मैं मर ना जाऊं.

इस हालत में, मैं एकदम कोने में जाकर बैठ गई और मैंने कुछ देर तक ध्यान किया। उन चंद मिनटों के गहरे मौन के बाद मानो कि कोई जादू ही हो गया हो। मैं अंदर से एकदम शांत हो गई और मुझे एक नया आत्मविश्वास मिल गया। 

थोड़ा समय ले, क्योंकी जब आप भय और चिंताओं के विचार में फंसे होते हैं तो सोचने – विचारने की शक्ति चली जाती हैं।

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